Friday, December 14, 2012

हे भगवान! मुझे दुनिया का सबकुछ दे दो

भगवान का दरबार लगा है, मतलब मन्दिर सजा है। सैकड़ों भक्‍त कतार में लगे हैं। सभी हाथ जोड़े, आँख मूंदे, प्रार्थना कर रहे हैं। भगवान के जो सबसे समीप जा पहुँचा है, वह राजनेता बनने की जुगत बिठा रहा है। इस पोस्‍ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं - http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%B9%E0%A5%87-%E0%A4%AD%E0%A4%97%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%9D%E0%A5%87-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%AC/

3 comments:

virendra sharma said...

भगवान का दरबार लगा है, मतलब मन्दिर सजा है। सैकड़ों भक्‍त कतार में लगे हैं। सभी हाथ जोड़े, आँख मूंदे, प्रार्थना कर रहे हैं। भगवान के जो सबसे समीप जा पहुँचा है, वह राजनेता बनने की जुगत बिठा रहा है

ram ram bhai
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शुक्रवार, 14 दिसम्बर 2012
जो कलम कोशिका से पैदा हैं .
http://veerubhai1947.blogspot.in/

हिंदी चिट्ठा संकलक said...

सादर आमंत्रण,
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प्रेम सरोवर said...

बहुत ही सुंदर। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।