Friday, January 17, 2014

पिछोला झील में नाव उतारी - अब कचरा नहीं बचेगा

पिछोला झील में नाव उतारी - अब कचरा नहीं बचेगा
रात को कुछ मनचले भी यहाँ चले आते हैं, मदहोश होने का इंतजाम भी साथ लाते हैं और मदहोशी में भूल जाते हैं बोतलें, प्‍लास्‍टिक की थैलियां और भी ना जाने क्‍या क्‍या। ये सब हमारी झीलों में लाश की तरह तैरता दिखायी देने लगता है। राह चलते लोग भी अपनी आदत से मजबूर, इन झीलों में कचरा डाल देते हैं।
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3 comments:

Ankur Jain said...

बेहद गहन व सार्थक प्रस्तुति।।।

अजित गुप्ता का कोना said...

आभार अंकुर जी।

Shikha Shyam Rana said...

लोग आईना देखना पसंद नहीं करते,आपका लेख हमें वही दिखाता है....